गुरुवार, 15 दिसंबर 2016

भारत का मध्यकालीन इतिहास - संछिप्त कहानी के रूप में


भारत के इतिहास में मूल रूप से विदेशियों के हमले ही मिलेंगे। ‪#‎वर्ष_712‬ में प्रथम मुश्लिम आक्रमण जो "ब्राह्मण और ‪#‎मुश्लिम‬ लड़ाई" के नाम से भी जाना जाता है, ने भारतीय मध्यकालीन इतिहास में बाहरी आक्रमणकारियों को प्रथम प्रवेश दिया। यह हमला‪#‎अरब‬ के बादशाह ने अपने दामाद ‪#‎मीर_कासिम‬ से करवाया था।

‪#‎वर्ष_1192‬ में ‪#‎मोहम्मद_गोरी‬ (जो गोर वंश का था) ने ‪#‎पृथ्वीराज‬ चौहान को हरा दिया। यह युद्ध ‪#‎द्वितीय_तराई_युद्ध‬ के नाम से भी जाना जाता है।

‪#‎वर्ष_1526‬ में तुर्क बाबर ने पानीपत (‪#‎पानीपत_का_प्रथम_युद्ध‬) में जीत हासिल करके मुग़ल काल की नींव रखी। हालाँकि वो ज्यादा दिन शाशन नही कर पाया क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि जब उसका लड़का हुमायूँ बीमार पड़ा तो उसने अल्लाह से कहा कि उसके बेटे की बीमारी उसको लग जाये और बेटा स्वस्थ हो जाए। बाबर की 1530 में उसी बीमारी से मौत हो गयी।
हुमायूँ अपने बाप इतना ताकतवर तो नही बन सका लेकिन जीवन भर भटकता रहा। उसने दिल्ली की तख्त हासिल की और एक रोज लाइब्रेरी में पढ़ते समय पैर फिसलकर गिरने से उसकी मौत हो गयी।
हुमायूँ का लड़का ‪#‎अकबर‬ जो हुमायूँ की मृत्यु के समय मात्र 14 वर्ष का था, दिल्ली तख्त से दूर रह रहा था। चूँकि अकबर को दिल्ली आने में महीनों चलना था, इसलिए ऐसे मौके का फायदा उठाया एक ‪#‎हिन्दू‬ राजा ‪#‎हेमू‬ विक्रमादित्य ने। उन्होंने दिल्ली पर अधिकार कर लिया।

(यही हेमू, एकमात्र हिन्दू शाशक है के तौर पर जाने जाते हैं, जिसने मध्यकालीन भारत में दिल्ली तख़्त पर शाशन किया)

कुछ महीनों बाद अकबर, बैरम खान के नेतृत्व में आ धमका और ‪#‎वर्ष_1556‬ में (‪#‎पानीपत_का_द्वितीय_युद्ध‬) उसने हेमू को हराकर राज किया। अकबर सबसे ज्यादा विस्तारवादी निकला और उसने शेरशाह सूरी के शाशनकाल में लिए गए कुछ अच्छे नीतियों को आगे बढ़ाया। इसलिए अकबर को ‪#‎राष्ट्रिय_शाशक‬ के नाम से भी जाना जाता है।

मंगलवार, 15 नवंबर 2016

ब्रिटेन का पलटवार और हिटलर का आतंक


*** पलटवार *** 

बात द्वितीय विश्वयुद्ध (1939) की है। जर्मनी की नेवी,कई देशों पर कब्जा करने के चक्कर में, युद्ध लड़ते लड़ते कमजोर पड़ चुकी थी। थल से युद्ध सम्भव न था। मजबूर हिटलर ने वायुसेना (हुतफ़वाफ़े) को ब्रिटेन पर अटैक करने का आदेश दे दिया। ब्रिटेन की एयरफोर्स (रॉयल एयर फोर्स RAF) ने जवाब दिया। हिटलर को गुस्सा आया और उसने कहा कि जाओ उनके सिविलियन ठिकानों को निशाना बनाओ। ब्रिटैन में बहुत से सिविलियन मारे गए। ब्रिटिश ने भी जवाबी कार्यवाई में जर्मनी के सिविल इलाकों पर बम वर्षा की। पर जर्मनी की अनवरत हमलों से ब्रिटिश पॉयलट की नींद पूरी नही हो पा रही थी। उन्होंने सोने के लिए प्रधान से मुलाकात भी की पर जर्मनी सुस्ताने का कोई मौका दे ही कहाँ रहा था। बेचारे पॉयलट!
इसी बीच हिटलर का गुस्सा बढ़ गया था । उसने कहा जाओ सोते हुवे ब्रितानियों को मारो और 57 रात तक जर्मनी के हवाई जहाज बम वर्षा करते रहे। इन 57 रात के हमलों में ब्रिटेन के पॉयलट अपनी थकान मिटाने के साथ साथ तयारी भी करते रहे।
फिर इस 57 रात के हमलों के बाद जो हमला RAF ने किया उसने जर्मनी को तबाह कर दिया।
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प्रश्न:

1) जर्मनी की वायुसेना का नाम जिसने द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग लिया।
2) ब्रिटिश वायुसेना का नाम...
3) द्वितीय विश्वयुद्ध कितने दिनों तक चला?
जाहिर सी बात है 57 रात से ज्यादा तो जर्मनी ने केवल ब्रिटैन से ही युद्ध किया था तो मतलब कई महीनों तक चला होगा। जर्मनी ने अनेक देशों पर कब्जा कर लिया था।